लक्षण
• ख़ासतौर से शरीर के एक हिस्से का काम न करना • अचानक उलझन या बोल ना पाना • किसी की कही बात को समझने में कठिनाई • आखं की दृष्टि का कमजोर होना या धुंधला दिखाई देना • बिना किसी ज्ञात कारण के अचानक सिरदर्द या चक्कर आना • हाथ और पैर का सही तरह से इस्तेमाल नहीं कर पाना • शरीर में लकवा ग्रस्त अंग पे नियंत्रण खोना • खाने/पीने/निगलने में कठिनाई • मल और मूत्राशय का नियंत्रण खोना • लकवा ग्रस्त अंग में झुनझुनाहट व सुन्नपन • शरीर को हिलाने में असमर्थता • कभी-कभी मांस पेशियों में ऐंठन व दर्द होना • लकवा ग्रस्त हिस्से में सुई जैसी चुभन (Tingly) • चेहरे का एक तरफा हिस्सा कमजोर होना इत्यादि।
कारण
• सिर में गंभीर चोट लगने के कारण मस्तिष्क डैमेज हो जाता है। इससे मस्तिष्क का बायां हिस्सा डैमेज होने पर शरीर का दायां हिस्सा लकवा ग्रस्त हो जाता हैऔर मस्तिष्क का दायां हिस्सा डैमेज होने पर शरीर का बायां हिस्सा लकवा ग्रस्त हो जाता है • मोटर - कार दर्घु टर्घ ना द्वारा रीढ़ मेंचोट लगने पर लकवा • मानसिक काम / तनाव लेने से लकवा • खेल या अन्य प्रकार की गति-विधि के दौरान दुर्घटना • मल्टीपल स्केलेरोसिस (यानी ब्रेन और स्पाइनल कॉर्ड की बीमारी) • हाइपोकैलेमिया (पोटैशियम की कम मात्रा) • (मायोपैथी) मांसपेशियों में कमजोरी से संबंधित रोग • ब्रेन में जाने वाली ब्लड की पाइप का फट जाना • ब्रेन में जाने वाली ब्लड-पाइप मे ब्लड का थक्का जमने से ब्लॉक हो जाना • पोस्ट-पोलियो सिंड्रोम • मस्कुलर डिस्ट्रोफी / cerebral palsy (जन्मदोष बीमारी) • परिवारिक कलह-कलेश • आर्थिक की तंगी का टेंशन • बेटी या बहन की शादी का टेंशन •बिजनेस का टेंशन & नौकरी की टेंशन • अत्यधि क ठंड लग जाना • डायबिटीज / ब्लड प्रेशर (BP) की लम्बे समय से अंग्रेजी दवाओं के सेवन करने के साइड इफेक्ट से लकवा •अत्यधिक किसी भी रोग की अंग्रेजी दवा व स्ट्रॉयड दवाओं के सेवन के दुष्प्रभाव से लकवा।
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डॉ. मिश्रा होमियोताज क्लीनिक प्रयागराज में सर्वोत्तम लकवा उपचार प्रदान करता है। होम्योपैथी चिकित्सा की सबसे लोकप्रिय समग्र प्रणालियों में से एक है। उपचार का चयन समग्र दृष्टिकोण का उपयोग करके वैयक्तिकरण और लक्षणों की समानता के सिद्धांत पर आधारित है। यह एकमात्र तरीका है जिसके माध्यम से उन सभी संकेतों और लक्षणों को दूर करके पूर्ण स्वास्थ्य की स्थिति पुनः प्राप्त की जा सकती है जिनसे रोगी पीड़ित है। होम्योपैथी का उद्देश्य न केवल बीमारी का इलाज करना है बल्कि इसके अंतर्निहित कारण और व्यक्तिगत भेद्यता का समाधान करना है। जहां तक चिकित्सीय दवा का सवाल है, पक्षाघात के इलाज के लिए कई उपचार उपलब्ध हैं जिन्हें शिकायतों के कारण, संवेदनाओं और तौर-तरीकों के आधार पर चुना जा सकता है। वैयक्तिकृत उपचार चयन और उपचार के लिए डॉ. प्रिंस कुमार मिश्रा ने प्रतिष्ठित संगठनों से कई पुरस्कार जीते और अपने रोगियों से उत्कृष्ट समीक्षाएँ प्राप्त की.